चार मंदिर... चार रहस्य... क्या आपने कभी सोचा है — एक मंदिर जहाँ भगवान विष्णु सो रहे हैं, दूसरा जहाँ शिव ने लिया था बैल का रूप, एक नदी जो शिव की जटाओं से निकली, और एक कुंड जो बर्फ़ में भी खौलता है?
यमुनोत्री में एक गर्म जलकुंड है – सूर्यकुंड, जहां पानी खौलता है लेकिन पूजन के लिए इसका उपयोग होता है!
88 डिग्री तापमान, फिर भी यहां पूजा होती है
शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में समाया – तभी पृथ्वी पर जल संतुलित हुआ।
गंगोत्री में बर्फीली सर्दी के बावजूद गंगा जल ठंडा नहीं होता! क्यों? यह आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य है।
बद्रीनाथ में नर और नारायण ऋषियों ने हजारों वर्षों तक तप किया। यहाँ की चट्टानें आज भी उस तपस्या की ऊर्जा से भरी मानी जाती हैं।
भगवान विष्णु यहां क्यों सोते हैं? बद्रीनाथ में उन्हें योगनिद्रा में माना जाता है
मान्यता है कि भगवान यहाँ मोक्ष के द्वार पर ध्यानमग्न हैं।
केदारनाथ में शिवलिंग का रहस्य क्या है
केदारनाथ में शंकर भगवान बैल का रूप धारण करके पांडवों से छुप गए थे
कहा जाता है कि केदारनाथ में स्वयं शिव एक बैल बनकर प्रकट हुए। शिवलिंग की पीठ जैसी आकृति इसका प्रमाण मानी जाती है
केदारनाथ में शिव बैल का रूप धारण कर पांडवों से छिपे थे
क्योंकि पांडवों ने प्रायश्चित करना था और शिव की खोज कर रहे थे
इस Web Story को दोस्तों से शेयर करेंऔर धार्मिक स्टोरीज़ के लिए हमें फॉलो करें!